किन्नर से प्यार भाग - 16




कहानी _किन्नर का प्यार

भाग_16

लेखक_ श्याम कुंवर भारती

सुनंदा के बेहोश होते ही जैसे ही उसके मां ने उसे अपनी बाहों में पकड़ा और उसके पिता ने उसे सहारा दिया तभी पुष्पा और उसके दल के चार किन्नरों ने सुनंदा को उनके हाथो से झपट लिया और उसे उठाकर अपनी गाड़ी की ओर दौड़ पड़े।
जब तक कोई कुछ समझता उससे पहले वे लोग अपनी गाड़ी में उसे डालकर कूद कर बैठ गए और गाड़ी पूरी तेज गति से भाग खड़ी हुई ।
उसके माता पिता बेटी बेटी चिल्लाते रह गए ।
सबलोग हक्का बक्का उस भागती हुई गाड़ी को देखते रह गए।
अरे कोई तो रोको उन्हे तभी सुनंदा की मां ममता देवी चिल्लाई ।उसके चिल्लाने पर सब लोग होश में आए और उधर दौड़ने लगे।
मगर तब तक तो पुष्प किन्नर की गाड़ी आई गई और गई हो गई।
ममता देवी ने तुरंत राखी को फोन कर सुनंदा के बारे में बताया।सुनकर राखी आवाक रह गई ।वो काफी चिंतित हो गई ।उसने सबसे पहले पुलिस को फोन किया फिर बबिता मौसी को फोन किया और सारा हाल बताकर तुरंत सुनंदा के घर आने को कहा और तुरंत अपनी स्कूटी निकालकर हवा की तरह उड़ती हुई निकल पड़ी ।
उसके अपने सहेली के दूसरी बार अपहरण हो जाने का बहुत दुख और चिंता हो रही थी।पहली बार वाली बात कुछ और थी ।लेकिन इस बार तो सुनंदा की पूरी जिंदगी ही अंधकारमय दिख रही थी ।जो राज आजतक उन सबने वर्षो से छिपा कर रखा था। वो राज फास हो गया था।अब सुनंदा की जिंदगी नर्क बन जायेगी ।राहुल तो पता नही क्या करेगा ।लेकिन पूरे समाज के नजर में वो एक किन्नर की नजर से देखी जायेगी ।लोग उसे बड़ी हेय से देखेंगे ।उसका मजाक उड़ाएंगे।
कोई उससे शादी विवाह नही करेगा।पढ़ाई लिखाई पर भी असर पड़ेगा।यही सब सोचते सोचते उसके आंखो से आंसू बह निकले ।वो उसकी सबसे प्यारी सहेली है।
उसकी स्कूटी सुनंदा के घर पर रुकी ।सुनंदा के माता पिता उसका बड़ी बेचैनी से इंतजार कर रहे थे।उसकी मां का तो रो रो कर बड़ा बुरा हाल था।उसके पिता की तो मानो पूरी दुनिया लूट गई थी । वे लूटे पीटे उदास बैठे हुए थे।वहा मोहल्ले वालों का पूरा जमघट लगा हुआ था। वहा तरह _ तरह की बाते हो रही थी।
राखी ने सबसे ध्यान हटाकर सुनंदा के माता पिता को संतावना देने लगी ।आंटी आप चिंता मत करो सुनंदा को कुछ नही होगा ।पुलिस आ रही है।मैने बबिता मौसी को भी बुला लिया है।साबलोग मिलकर उसे ढूंढ निकालेंगे।
थोड़ी देर में पुलिस की दो तीन गाड़िया बड़ी तेजी से पहुंची ।पीछे से। बबिता किन्नर भी अपने दल बल के साथ दो गाड़ियों में पहुंच गई।
अपनी गाड़ी रुकते ही दरोगा जी लपकते हुए राखी के पास पहुंचे ।फोन तुम ही ने किया था न।
जी सर मैने ही फोन किया ।
मेरी सहेली सुनंदा को किन्नर बताकर पुष्पा किन्नर और उसके दल के लोगो ने सबके सामने उसका अपहरण कर लिया है।
बाकी बाते आप उसके माता पिता और मोहल्ले वालों से पूछे ।
दारोगा जी ने कहा तुरंत एक लिखित शिकायत मुझे उसके माता पिता की तरफ से दो और कुछ लोगो की गवाही भी ।
राखी ने ममता देवी से एक सादा कागज़ मंगवाया और जो घटना घटित हुई थी ।उसे लिखकर तुरंत सुनंदा को रिहा करवाने का अनुरोध कर सुनंदा के माता पिता से हस्ताक्षर करवा दिया।तब तक दरोगा ने मोहल्ले के कई लोगो से पूछताछ किया और कहा ठीक है तुम लोग इस शिकायत पत्र पर गवाह के रूप में साइन कर दो सब ।
राखी ने तुरंत चार लोगो से भी साइन करवाकर दारोगा जी को दे दिया।
तभी बबिता किन्नर ने कहा मुझे पता है पुष्पा का अड्डा कहा है चलिए जल्दी ।
तुम मेरे साथ चलो राखी बबिता ने राखी से कहा ।राखी उसकी गाड़ी में बैठ गई।दारोगा ने बबिता से कहा तुम आगे आगे चलो हमलोग तुम्हारे पीछे पीछे आते है। सुनंदा के पिता पुलिस्की जीप में पीछे बैठ गए।
राखी के बैठते ही बबिता उसकी बगल में बैठ गई।
बबिता ने कहा हमे हर हाल में सुनंदा को पुष्पा के चंगुल से छुड़ाना होगा वरना अगर वो आज की रात हमारे अराध्य देव अरावन से करा दी तो फिर उसे किन्नर समाज में शामिल कर लिया जायेगा ।फिर उसे तुम्हारे समाज में वापस लाना बहुत मुश्किल होगा ।
जब भी किसी नए किन्नर को हमारे समाज में शामिल किया जाता है उसे हमारे अराध्य देवता अरावान से एक रात के किए विवाह कराया जाता है।फिर सुबह होते ही ऐसी मान्यता है की अराध्य देवता की मृत्यु हो जाती है फिर रिश्ता तोड़ दिया जाता है।इसके बाद हमारी कुल देवी बहुचरा देवी जिन्हे मुर्गेवाली माता भी कहा जाता है।इन्हे हमलोग अर्धनारीश्वर का रूप मानते है यानी भगवान शिव का रूप मानते है ।उनसे नए किन्नर को आशीर्वाद दिलाया जाता है।
बबिता मौसी की बात सुनकर राखी अंदर तक सिहर गई ।किसी भी तरह मेरी सखी को पुष्पा से छुडाओ मौसी मैं जिंदगी भर तुम्हारी आभारी रहूंगी ।
तुम चिंता मत करो राखी ।अभी ज्यादा देर नहीं हुई है वो अपने अड्डे पर पहुंचाती होगी तब तक हमलोग पुलिस बल के साथ उनको पकड़ लेंगे।
राखी को थोड़ी राहत महसूस हुई।
वैसे पुष्पा गरीब लड़के लड़कियों को उनके मां बाप से खरीदकर या छीनकर लाती है और जनरजस्ती उसका बधिया कर उसे हिजड़ा बना देती है और उन्हें अपने समाज में मिलाकर उनसे खूब कमाई करती है। इतना ही नहीं वो उनसे वेश्यावृति भी कराती है ।वो बहू शीतिर किन्नर है ।इसलिए मेरी उससे नही बनती है।हमारे समाज को इसके जैसे किन्नरों ने बदनाम कर रखा है।
उसकी बात सुनकर राखी और चिंतित हो गई।उसे सुनंदा के बारे में सोच सोच कर बेचैनी हो रही थी ।पता नही मेरी सहेली पर क्या गुजर रही होगी ।बेचारी आज ही दिल्ली से राहुल से मिलकर लौटी है और उसके साथ ऐसी घटना घट गई।
पुष्पा किन्नर अपनी गाड़ी में सुनंदा की बगल में बैठी हुई थी ।उसने ताली बजाते हुए कहा _ मैने तेरे को समझाया था न की मेरे रास्ते में टांग मत अड़ाया कर देख आज तू मेरे हत्थे चढ़ गई।
अब कोई तुझे मुझसे नही बचा पाएगा।
तू जवान और सुंदर है ।सुना है तु उतनी ही सुंदर नाचती और गाती भी है।तुझे अपने किन्नर समाज में शामिल कर मैं तो मालामाल हो जाऊंगी।
उससे ज्यादा कमाई तो तुझसे धंधा कराके कमाऊंगी।
तुझे मैं अपना चेला बनाऊंगी ।तुम मेरी चेला बनेगी । तू चिंता मत कर हमारे समाज के नियम के मुताबिक गुरु किन्नर जब किसी नए किन्नर को अपना चेला बनाता है उसे अपनी संपति में से अपनी शक्ति अनुसार हिस्सा भी देता है।मेरे पास बहुत संपत्ति है ।में तुझे अपनी संपति का हिस्सा दूंगी।
मेरे बाद तु ही मेरे दल का गुरु बनेगी ।जितना कमाई तू अपनी पढ़ाई लिखाई करके नौकरी से नही कमाएगी उससे ज्यादा तू मेरा चेला बनकर कमाएगी।
पुष्पा ने ढिठाई से कहा ।बाकी किन्नर ताली बजाकर बेशर्मी से हंसने लगे।
मुझे छोड़ दो मुझे नही चाहिए तेरी धन दौलत और कोई कमाई।इज्जत से दो पैसे कम कमाऊंगी लेकिन मुझे किन्नर नही बनना है ।सुनंदा ने अनुरोध करते हुए कहा ।

किन्नर बनना नही तु तो पहले से किन्नर है ।तुझे ताज्जुब होता होगा मुझे कैसे पता चला तो सुन।
जिस अस्पताल में तू अपना ऑपरेशन कराने के लिए गई थी । वहा की एक नर्स जो तेरे ही मोहल्ले में रहती है दस हजार रूपए के लालच में मुझे तेरे बारे में सब बता दिया था।
पुष्पा ने हंसते हुए कहा।
मैं उस लालची नर्स को छोडूंगी नही ।कुछ ही दिनों बाद मेरा इलाज हो जाता तो मैं पूरी औरत हो जाती ।यह भी एक शारीरिक विकलांगता है जिसे इलाज द्वारा आज के वैज्ञानिक युग में ठीक किया जा सकता है।
सुनंदा ने गुस्से में कहा ।
चाहे जो भी हो अब तू मुझसे नही बच सकती । तेरा विवाह मैं आज ही रात अपने आराध्य देवता अरावन से करा दूंगी ताकि मेरे किन्नर समाज में शामिल हो सके।
पुष्पा किन्नर ने बेशर्मी से कहा ।
तू बहुत बड़ी गलती कर रही है पुष्पा अब भी समय है मुझे छोड़ दो वरना बहुत मुशीबत में पड़ जाओगी ।
पहली बात की मैं मरते मर जाऊंगी लेकिन तुम्हारे किसी नियम को नही मानूंगी ।दूसरे मेरी सहेली अब तक पुलिस के पास पहुंच गई होगी और सब मेरी तलास में लग गए होंगे। सुनंदा ने उसे समझाते हुए कहा।
पुलिस भी मुझे ढूंढ नही पायेगी । पुष्पा ने कहा ।फिर अपने लोगो से कहा इसका हाथ पैर बांध कर मुंह पर पट्टी लगा दो ताकि कही हो हल्ला न कर सके।
पुलिस ने हर चौक चौराहे पर अपने लोगो को सतर्क कर दिया ।सबको पुष्पा नामक किन्नर द्वारा एक लड़की के अपहरण की सूचना दे दी गई थी ।
पुष्पा ने अपने ड्राइवर से एक दुसर गली से चलने को कहा ।थोड़ी देर में ही वो अपने अड्डे पर पहुंच गई।
उसने अपने लोगो से कहा जल्दी से अपना सामान समेटकर निकलो यहां से पुलिस कभी भी आ सकती है।
हमलोग दूसरे रास्ते से निकलेंगे जिधर कोई चेकपोस्ट नही है।
सब लोग अपना सामान समेटकर फिर गाड़ी में बैठ गए।उनकी गाड़ी फुर्ती से निकल गई । सुनंदा को सबने बांधकर सीट के बीच में सुला दिया था।
थोड़ी ही देर में बबिता किन्नर पुलिस को लेकर पुष्पा के अड्डे पर पहुंची लेकिन वहा कोई नही मिला।
सब लोग हाथ मलते रह गए ।राखी रोने लगी ।बबिता ने उसे ढांढस बंधाया और कहा अपना हौसला रखो बेटी पुलिस तुम्हारी सहेली को ढूंढ निकालेगी।
सुनंदा के पिता भी रोने लगे।
उन्होंने दरोगा जी से कहा सर अब क्या होगा ये लोग तो यहां से भाग गए।मेरी बेटी का क्या होगा ।
घबड़ाए नही आप हिम्मत रखे वे लोग पुलिस से ज़्यादा भाग नही पाएंगे।फिर उन्होंने अपने पुलिस मुख्यालय फोन कर बातचीत किया और सबको एलर्ट करने को कहा ।
रात भर पुलिस हर संभावित ठिकानों पर छापा मारती रही लेकिन सुनंदा कही नही मिली।
सुनंदा के माता पिता का रो रो कर बड़ा बुरा हाल हो रहा था।राखी भी काफी दुखी थी।बबिता किन्नर ने अपने कई किन्नर समाज के गुरुओं को सूचना देकर सुनंदा को खोजने का अनुरोध किया।
अगले दिन सारे अखबारों में सुनंदा के अपहरण की घटना प्राथमिकता के साथ छपी थी ।जिसमे लिखा था शहर के रेलवे कोलिनी में एक रेलवे कर्मचारी की बेटी सुनंदा जो वकालत की पढ़ाई कर रही थी दरअसल एक किन्नर थी जिसे पुष्पा नामक किन्नर ने अपहरण कर लिया है।
अखबार को राहुल की मां ने भी पढ़ा और उसका मुंह खुला का खुला रह गया । हाय राम तो क्या सुनंदा एक किन्नर थी ।अच्छा हुआ उसकी सच्चाई मुझे पहले पता चल गई वर्ना मैं तो उसे अपनी बहु बनाने के लिए तैयार थी।
वो तो एक धोखेबाज लड़की निकली ।कितनी सीधी साधी और भोली बनती थी ।
उसने उस अखबार की कटिंग की फोटो खींचकर राहुल को व्हाट्सएप कर दिया ।

शेष अगले भाग _ 17 में 

लेखक_ श्याम कुंवर भारती
बोकारो, झारखंड



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1 Comments

Mohammed urooj khan

04-Nov-2023 12:45 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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